मैं हूं ! अकबर इलाहबादी
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हंगामा है क्यूँ बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है
डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है
-16 नवम्बर सन 1846 को जन्मे अकबर इलाहाबादी रूढ़िवादिता एवं धार्मिक ढोंग क...
6 years ago
7 टिप्पणियाँ:
सुभानाल्लाह.......दिल को छू गया ये शेर |
आपको और आपके प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें|
शुक्रिया इमरान भाई.....आपको भी मुबारक़
दिल की आवाज़ भी सुन ;
मेरे फ़साने पे न जा !
मेरी नज़रों की तरफ देख;
ज़माने पे न जा !!
रिश्ता रस्मों - रिवाज़ों से नहीं चलता ।
सुन्दर सच्ची बात!
एक अलग तरह की प्रस्तुति
दिवाली-भाई दूज और नववर्ष की शुभकामनाएं
Har Mulakat Ko Chehre Pe Utar Aane De..Rishta Rasmo Rivajon Se Nahi Chalta...Aanand Aa Gya.
Ashok Kumar ji-अनुपमा पाठक ji-Navin C. Chaturvedi ji-Harish Harry bhai.....शुक्रिया...आप सभी का
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