यूं ही तेरी याद में जिए जा रहा हूं मैं ,
उधड़े हुए से ज़ख़्म सिए जा रहा हूं मैं ।
वक़्त सिर्फ़ वो जो गुज़रा था तेरे साथ ,
हर वक़्त यही बात किए जा रहा हूं मै ।
दिल में तेरी चाहत जैसे मर्ज़ बनी है ,
दवा के नाम दर्द पिए जा रहा हूं मैं ।
ले दे के तेरे नाम के दो हरफ़ बचे हैं ,
सब कुछ इसी लिए किए जा रहा हूं मैं ।
जान तेरे साथ ही दामन छुड़ा चुकी ,
बस ज़िंदगी को नाम दिए जा रहा हूं मैं ।
उधड़े हुए से ज़ख़्म सिए जा रहा हूं मैं ।
वक़्त सिर्फ़ वो जो गुज़रा था तेरे साथ ,
हर वक़्त यही बात किए जा रहा हूं मै ।
दिल में तेरी चाहत जैसे मर्ज़ बनी है ,
दवा के नाम दर्द पिए जा रहा हूं मैं ।
ले दे के तेरे नाम के दो हरफ़ बचे हैं ,
सब कुछ इसी लिए किए जा रहा हूं मैं ।
जान तेरे साथ ही दामन छुड़ा चुकी ,
बस ज़िंदगी को नाम दिए जा रहा हूं मैं ।