मैं ग़ज़ल कहता हूँ और
गीत गुनगुनाता हूँ
दिल की करता हुआ
दिल ही में उतर जाता हूँ
प्यार बेहद है मुझे
और है गुनाह यही
प्यार करता हुआ मैं
हद से गुज़र जाता हूँ
नाती अभिमन्यु / चार अलग - अलग मुद्राओं में नाती...
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हम सपरिवार बेटी के ससुराल कूदन ( सीकर, राजस्थान.) गए . वहां सबसे मिले..
डेढ़ वर्षीय नाती अभिमन्यु की चंचलता ने मन मोह लिया..
चार अलग - अलग मुद्राओं में नात...
बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी : दीनदयाल शर्मा
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* बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी : **दीनदयाल शर्मा*
महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, प्रेमचन्द या टालस्टाय के बारे में 'कुछ'
लिखना बड़ा आसान...
‘‘या बणजारी जूण’’ का लोकार्पण
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सहज और गंभीर सृजनकर्म कालजयी कृतियों को जन्म देता है
- राकेश शर्मा
कोटा/18 नवम्बर 2013/ सहज और गंभीर सृजनकर्म कालजयी कृतियों को जन्म देता है
यह वक्तव्य रा...
तुम याद बहुत आओगे
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*कौन, कब, कितना याद आता है इसका आज तक तो कोई बेरोमीटर बना नही है। न ही कोई
ऐसा पैमाना है कि जिससे पता चले कि हमने किसी को कितना याद किया। किसी की याद
तभी...
अंधविश्वास के खिलाफ एक मुहिम
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*अंधविश्वास के खिलाफ एक मुहिम*
*तर्कशील बनने का आह्वान*
*अजय कुमार सोनी की राममूर्ती स्वामी के साथ बातचीत*
*परलीका.* इंसान अगर अंधविश्वास का रास्ता छोड़कर ...
परलीका के फोटो- photo gallery
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अब से दो बरस पहले आठ अगस्त 2008 को अचानक ही बरसात ने आकर आधे से ज्यादा गाँव
को तहस-नहस कर दिया. उस वक्त का मंजर देखने लायक था. घरों की छतें ही गिर जाये
तो ...
हम कदम ( हरप्रीत कौर Vs अविनाश )
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ये कैसी लड़की है
सवेर है
मैं तम्हारी तलाश में पड़ी हूँ निकल
शब्द नहीं थे सन्देश
दोपहर है
तुम्हारे घर का दरवाज़ा बंद है
मैं तुम्हे झिर्रियों में से रही हूँ...
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