tag:blogger.com,1999:blog-4544767991347507480.post524535790291425216..comments2024-01-05T00:39:22.445-08:00Comments on RAJESH CHADDHA / राजेश चड्ढ़ा: शर्त पर आपने हाथों में मेरे हाथ दियाराजेश चड्ढ़ाhttp://www.blogger.com/profile/13615403040017262901noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4544767991347507480.post-10652585027574034522010-06-08T05:33:49.151-07:002010-06-08T05:33:49.151-07:00कट गई उम्र यहां एक ख्वाब की खातिर, आपने ख्वाब ही म...कट गई उम्र यहां एक ख्वाब की खातिर, आपने ख्वाब ही में उम्रभर को काट दिया।.....वाह.......राजेश जी वाह......बहुत बढ़िया...दीनदयाल शर्माhttps://www.blogger.com/profile/12588672214372880419noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4544767991347507480.post-18308465631270659882010-06-03T21:57:19.773-07:002010-06-03T21:57:19.773-07:00राजेश जी आपकी ये ग़ज़ल कुछ कमज़ोर लगी मतले में साथ...राजेश जी आपकी ये ग़ज़ल कुछ कमज़ोर लगी मतले में साथ और हाथ का काफिया लिया जिसे आप बाकि के शेरों में सही से निभा नहीं पाए...साथ लफ्ज़ बहुत बार रीपीट हुआ है जो अच्छी ग़ज़ल के दृष्टिकोण से सही नहीं है...अगर मेरी बात बुरी लगी हो तो क्षमा करें...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4544767991347507480.post-2542343052968750032010-05-18T21:29:30.410-07:002010-05-18T21:29:30.410-07:00राजेश जी आपकी ग़ज़लें बहुत ही बढ़िया है,जो शेर मुझ...राजेश जी आपकी ग़ज़लें बहुत ही बढ़िया है,जो शेर मुझे सबसे ज्यादा पसंद आया वो है..... "कट गई उम्र यहां एक ख्वाब की खातिर,<br />आपने ख्वाब ही में उम्रभर को काट दिया।"Anonymousnoreply@blogger.com