सुभानाल्लाह.......दिल को छू गया ये शेर |आपको और आपके प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें|
शुक्रिया इमरान भाई.....आपको भी मुबारक़
दिल की आवाज़ भी सुन ;मेरे फ़साने पे न जा !मेरी नज़रों की तरफ देख; ज़माने पे न जा !!
रिश्ता रस्मों - रिवाज़ों से नहीं चलता ।सुन्दर सच्ची बात!
एक अलग तरह की प्रस्तुतिदिवाली-भाई दूज और नववर्ष की शुभकामनाएं
Har Mulakat Ko Chehre Pe Utar Aane De..Rishta Rasmo Rivajon Se Nahi Chalta...Aanand Aa Gya.
Ashok Kumar ji-अनुपमा पाठक ji-Navin C. Chaturvedi ji-Harish Harry bhai.....शुक्रिया...आप सभी का
सुभानाल्लाह.......दिल को छू गया ये शेर |
ReplyDeleteआपको और आपके प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें|
शुक्रिया इमरान भाई.....आपको भी मुबारक़
ReplyDeleteदिल की आवाज़ भी सुन ;
ReplyDeleteमेरे फ़साने पे न जा !
मेरी नज़रों की तरफ देख;
ज़माने पे न जा !!
रिश्ता रस्मों - रिवाज़ों से नहीं चलता ।
ReplyDeleteसुन्दर सच्ची बात!
एक अलग तरह की प्रस्तुति
ReplyDeleteदिवाली-भाई दूज और नववर्ष की शुभकामनाएं
Har Mulakat Ko Chehre Pe Utar Aane De..Rishta Rasmo Rivajon Se Nahi Chalta...Aanand Aa Gya.
ReplyDeleteAshok Kumar ji-अनुपमा पाठक ji-Navin C. Chaturvedi ji-Harish Harry bhai.....शुक्रिया...आप सभी का
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